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मराठी सेक्स ओपन मराठी सेक्स ओपन, आज स्कूल में कबड्डी का मॅच था, शंकर की टीम ने 12थ क्लास की टीम को चॅलेंज दिया था, जो पुरे स्कूल में टॉप पर थी… अभी वो अपना हाथ बढ़ाकर उसको झकझोर कर उठाना ही चाहती थी, कि तभी उसकी नज़र उसके पाजामे पर पड़ी, जो आगे से बहुत ज़्यादा गीला हो रहा था,
ये तुम दोनों पब्लिक प्लेस मे रोमांस करना बंद करो,कुछ तो शर्म करो बेशर्मो हमे इन्विते करके अपने मे ही लगे हुये हो।हम दोनों अपनी खुमारी सेबाहर आये मूड कर देखा तो ये शिम्मी (परिधि की दोस्त)थी।परिधि अपनी नजर नीची किये चुपचाप अपनी टेबल पर बैठ गई।तबतक.. सब को अपने किये पर पछतावा हो रहा था उनके माँ बाप तो जैसे गिर ही पड़े हमारे कदमो में। फिर सब ने हम से मांफी मांगी और इन फ्यूचर न कभी वो सुनैना को कभी परेशान नहीं करेंगे ऐसा वादा किया ।
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मुझे बाकी के बर्थ का पता नहीं पर हाँ चंडीगढ़ से यही कोई 5 घटे बाद ट्रेन गाजियाबाद जंक्शन पर रुकी मैं अबतक सोया था । मेरे पास कुछ लोग आपस में बात कर रहे थे उनमें से एक ने मुझे उठाया.... भाई साहब ।
दो-तीन बार उसने उसे अपने हाथ से उपर नीचे किया, जिसका सुपाडा अभी अच्छे से खुल भी नही पा रहा था…, शंकर की उत्तेजना अपनी चरम सीमा पर थी… हे भगवान ये क्या हो गया किस बात की सजा है कहीं यह नाराज तो नहीं , नहीं मुझे लगता हैं कुछ और ही बात बोल रही हैं पर मैं समझ नहीं पा रहा
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लाला उसके तर्क के आगे निरुत्तर हो गये, आज उन्हें अपनी पत्नी के कहने पर बरसों पहले की गयी अपनी ग़लती का एहसास हो रहा था,सेक्सी वीडियो में सेक्सी सेक्सी
बड़ी मालकिन तो वैसे भी किसी भी बहू के कुछ भी खाने पीने पर रोक नही लगती, तो फिर इन्होने ऐसा क्यों कहा…? माला वेशक नादान लडकी थी लेकिन इस वक्त वो इश्क से भरे मन की चाशनी में लिपटी जलेबी हुई जा रही थी बोली, तुम्हें मेरा नाम पता है? माला ने मानिक के मुंह की बात छीन ली थी. बोला, नही. मैंने तो आपको इस घर में छत पर पहली बार देखा था.
अँधा क्या चाहे – दो आँखें, ये बात फ़ौरन उन तीनो के भेजे में घुस गयी, और उसी शाम उन्होने रंगीली को लाला के यहाँ काम पर जाने के लिए राज़ी कर लिया…!
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